हर साल लेना पड़ सकता है कोरोना का टीका, जानें क्या कहते है ICMR के विशेषज्ञ

By: Pinki Sat, 10 July 2021 10:55:17

हर साल लेना पड़ सकता है कोरोना का टीका, जानें क्या कहते है ICMR के विशेषज्ञ

कोरोना वायरस महामारी को लेकर एक्सपर्ट्स ने संभावना जताई है कि कुछ समय बाद कोविड बीमारी भी इंफ्लुएंजा की तरह ही हो जाएगी। जिसके बाद ज्यादा जोखिम वाली आबादी को इससे बचाव के लिए हर साल कोरोना वैक्सीन लेने की जरूरत पड़ सकती है।

इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च में डिवीजन ऑफ ऐपिडेमियोलॉजी और कम्युनिकेबल डिसीज के प्रमुख समीरन पांडा ने कहा कि कुछ समय के बाद कोविड-19 एंडेमिक स्टेज पर पहुंच सकता है। सेंटर्स फॉर डिसीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल (CDC) के मुताबिक, किसी भौगोलिक क्षेत्र के भीतर आबादी में किसी बीमारी या संक्रामक एजेंट की मौजूदगी या प्रसार को एंडेमिक कहते हैं।

उन्होंने कहा, 'जब छोटे वायरस तेजी से बढ़ते हैं, तो उनके लिए म्यूटेशन करना आम बात है। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि कोविड-19 वायरस कुछ समय के बाद इंफ्लुएंजा की तरह एंडेमिक स्टेज में पहुंच जाएगा और इसके बाद जोखिम वाली आबादी को हर साल वैक्सीन लेनी होगी।' उन्होंने समझाया कि इंफ्लुएंजा भी 100 साल पहले पेंडेमिक यानि महामारी थे, लेकिन आज ये एंडेमिक हैं।

उन्होंने कहा, 'कोविड-19 के मामले में भी हमें उम्मीद है कि यह धीरे-धीरे अपनी मौजूदा महामारी वाली स्थिति से बदलकर एंडेमिक बन जाएगा। फिलहाल, हम बुजुर्गों को फ्लू के सालाना टीके लगवाने की सलाह देते हैं।'

उन्होंने बताया, 'जैसे इंफ्लुएंजा वायरस म्यूटेट करता रहता है, वैसे हम वैक्सीन में मामूली बदलाव करते रहते हैं। इसलिए घबराने की जरूरत नहीं है। उपलब्ध वैक्सीन कोविड-19 के नए वेरिएंट्स के खिलाफ काफी प्रभावी हैं।'

पांडा ने कहा कि वैक्सीन संक्रमण से नहीं बचाती, लेकिन बीमारी को गंभीर नहीं होने देती। उन्होंने कहा कि ICMR में हुए प्रयोगों में यह साबित हुआ है कि फिलहाल भारत में मौजूद टीके नए वेरिएंट्स के खिलाफ भी प्रभावी हैं। हालांकि, अलग-अलग स्ट्रेन्स पर इनकी प्रभावकारिता में अंतर आ सकता है।

इस दौरान उन्होंने स्तनपान कराने वाली मांओं को वैक्सीन लेने की सलाह दी है। पांडा ने कहा कि टीके के बाद मां में विकसित हुईं एंटीबॉडीज स्तनपान के दौरान बच्चे तक पहुंचती हैं। साथ ही ये बच्चे के लिए काफी मददगार हो सकती हैं।

देश में कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर (Third Wave) को लेकर तैयारियां की जा रही है। जानकारों ने चेतावनी दी है कि अगर लोगों ने कोविड संबंधी व्यवहार का पालन नहीं किया, तो तीसरी लहर की दस्तक 6-8 हफ्तों में ही हो सकती है।

शुक्रवार को 1,206 मरीजों की हुई मौत

देश में शुक्रवार को मौत के आंकड़े में अचानक बढ़ोतरी देखी गई। यह 9 दिन बाद 1,000 के पार पहुंच गया। इससे पहले 30 जून को 1,002 संक्रमितों ने जान गंवाई थी। बीते दिन यानी शुक्रवार को 1,206 मरीजों की मौत हुई है। हालांकि, मौत के केस में बढ़ोतरी की वजह महाराष्ट्र में पुरानी मौतों का एडजस्टमेंट है। यहां बीते 24 घंटे में 738 मौत रिकॉर्ड की गईं।

वहीं, रोजाना मिलने वाले मरीजों की बात करे तो बीते दिन 42,648 नए मरीजों की पहचान हुई, 45,159 ठीक हुए। इस तरह एक्टिव केस यानी इलाज करा रहे मरीजों की संख्या में 3,732 की कमी आई। अब 4 लाख 49 हजार 478 लाख मरीजों का इलाज चल रहा है। यह 105 दिन में सबसे कम है। इससे पहले 26 मार्च को 4 लाख 49 हजार 449 एक्टिव केस थे।

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